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Showing posts from August, 2024

पांच रस Jain

जैन धर्म के मुताबिक, रस पांच तरह के होते हैं: चर्परा, कडुवा, कषायला, खट्टा, मीठा जो रस नामकर्म है वह पाँच प्रकार का है - तिक्त नामकर्म, कटुकनामकर्म, कषायनामकर्म, आम्लनामकर्म और मधुर नामकर्म। ये रस के मूल भेद हैं, वैसे प्रत्येक (रसादि के) के संख्यात असंख्यात और अनंत भेद होते हैं। कसैला:  कषाय स्वादवाला। जिसमें कसाव हो। जिसके खाने से जीभ में एक प्रकार की ऐंठन या संकोच मालूम हो। जैसे, आँवला, हड़ बेहड़ा, सुपारी आदि। कसैली वस्तुओं के उबालने से प्रायः काला रंग निकलता है। रस छह होते हैं या पांच? एक दूसरी मान्यता है जिसमें कहा गया है कि रस की संख्या छह है। इसमें उपर्युक्त पांच रस तो है हीं, साथ में लवण को भी एक रस माना गया है। पर ऐसा नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि लवण अम्ल और कटुक को मिलाकर बनाया जा सकता है। यानी कि वह मूल रस नहीं है। Five tastes (Ras) Pungent (Tikta) Bitter (Katuka) Astringent (Kashaya) Acid (Amla) Sweet (Madhura)

Jaipur Diaries | LMB history

Critical path method CPM

Example: I will be giving you a rea v glthe  life example. I was working for my client in US. There I had to do funds work.  I was involved in fund merger and acquisition data grid validation. There I had to find any outliers in the fund grid. This was based on SQL queries. Also I had to prepare reports after each step.  The steps: 1) import the raw grid received from business  2) after successful import run pre investment scenario to get a report of contracts invested in the retiring funds  3) schedule merger reallocation transaction on each contract having investments in the retiring funds 4) run batch to execute the transaction  5) run post investment scenario to validate that all the contracts are now invested in the new fund. Hence, 1 2 3 4 to 5 is the critical path, i.e the longest path  But, the task could also be completed with what is called the driving path i.e, 1 3 and 4 lies in the driving path.

B.Ed vs NET in 2024 | Which is better for getting job earlier

If you want to make a career in teaching at the school level and your focus subjects are pedagogy and classroom management, then B. Ed is the right choice. If you aspire to teach at the college level or want to pursue a research career, then you can take the UGC NET exam. Permanent Job : B.Ed degree holders would get a permanent job early rather than UGC NET Qualified. After passing the BEd degree, a candidate will have to qualify for CTET exam and then he can apply in any school. As per UGC norms, after qualifying for NET examination a candidate should have PhD degree to secure a job in College. Vacancies : Central and State governments release every year in some thousands of teaching vacancies in schools, B.Ed candidates will get jobs earlier than UGC-qualified candidates. In colleges and universities, assistant professor vacancies for UGC qualified have been released in some tens. Salary : UGC NET qualified candidates will get a higher salary than BEd qualified. As the candidate cle

Tamas Samta hoye Haiku Acharya Shri

दृष्टि पल्टा दो, तामस समता हो, और कुछ ना आचार्य श्री विद्यासागर जी   अर्थात : तामस और समता, एक दूसरे को पलटाने से, यानि अंधकार में समता रखूं कैसे समता रखूं ? दु:खों में सुख खोजें प्रतिकूलता में अनुकूलता ढ़ूढ़ें बुराई में अच्छाई देखें विपत्ति में संपत्ति देखें मुनि श्री प्रमाणसागर जी हायकू भावार्थ  तामस का मतलब अंधकार एवं समता का तात्पर्य शत्रु मित्र,सुख दुःख,लाभ अलाभ और जय पराजय में हर्ष विवाद नहीं करना एवं समभाव रखना ही होता है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि तामस और समता को एक दूसरे को पलटने से अंधकार में समता भाव रखना यानी अपनी द्वष्टिकोण को बदलना होगा। समता भाव रखने के लिए दुखों में सुख खोजना प़तिकूलता में अनुकूलता ढूंढना, बुराई में अच्छाई देखने का प्रयास एवं विपत्ति में संपत्ति देखना चाहिए। अतः जीवन में हर एक मामले में समता का भाव रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है। कहते हैं दृष्टि के बदलने से सृष्टि बदल ज

Chinta Chita Saman | चिंता से चतुराई घटे

चिंता ते चतुराई घटे, दु:ख से घटे शरीर। लोभ करन लक्ष्‍मी घटे, कह गये दास कबीर।। चिंता से चतुराई घटे,  घटे रूप और ज्ञान,  चिंता‌ बड़ी अभागिनी,  चिंता चिता समान,  तुलसी भरोसे राम के, निश्चिंत होई के सोए,  अनहोनी होनी नहीं, होनी होए सो होए। Chinta Chita Saman in english  Chinta se ghate chaturai, Dukh se ghate sharir, Lobh se ghate laxmi, Kah gaye das Kabir. Chinta se chaturai ghate  ghate rup aur gyan  chinta badi abhagini  chinta chita saman  tulsi bharose ram ke nischint hoyi ke soye  anhoni honi nahi honi hoye so hoye! चिंता से चतुराई घटे meaning in Hindi  भावार्थ: कहा भी गया है चिता जलाए मानव लाश चिंता करती जीवन नाश। यह दोहा आपको याद दिलाने के लिए है कि चिंता करने से आपकी बहुत हानि है। मैंने अपने जीवन में भी है अनुभव किया है। चिंता करने से वजन कम हो जाता है। चिंता एक दीमक के समान है जो शरीर की भी क्षति करती है। चिंता करने से दिमाग की भी क्षति होती है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को कम से कम भावना योग तो करना ही चाहिए। अनहोनी होनी नहीं meaning अनहोनी होनी नहीं का मतलब है कि हम अक्सर कहते