सामान्य तौर पर यदि हम देखें तो सूती व कृत्रिम दोनों ही वस्त्र पर घर्षण का प्रभाव बराबर पड़ता है। पर देखने में तो यह आता है कि जहां सूती वस्त्र जल्दी फट जाते हैं वहां कृत्रिम वस्त्र बहुत दिनों तक टिकते हैं। गौर करने की बात है कि घर्षण का प्रभाव तो बराबर पड़ता है। पर, कपड़ों को खींचकर फाड़ने, या रसायन की मदद से फाड़ने के परिणाम में बदलाव आ जाता है। यदि कृत्रिम रेशे के वस्त्रों को खींचकर फाड़ेगें, तो, सूती वस्त्र के मुकाबले कृत्रिम रेशे के वस्त्रों को फाड़ने में ज्यादा शक्ति लगेगी। रसायन डाल डाल कर, जैसे कि, साबुन के पानी में मिलाकर फिर फाड़ने की कोशिश करेंगे तब भी सूती वस्त्र जल्दी फट जाएगा। Tensile strength, tearing strength, abrasion resistance यह तीन अलग-अलग अर्थ को लिए हुए शब्द हैं। Tensile strength और tearing strength कृत्रिम वस्त्रों की ज्यादा हो सकती है। पर abrasion resistance नहीं। तो कपड़ों का घिसकर फटना, कृत्रिम व सूती वस्त्र दोनों में बराबर ही होता है। इसका मतलब durability भी कृत्रिम वस्त्रों की एवं सूती वस्त्रों की बराबर ही होती है। नीचे दिया हुआ शोध इस बात का प्रत...