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Showing posts from November, 2024

जैन धर्म में प्रसन्नता | How to always be happy: the Jain way

भगवान बनने से पहले भगवान को अनंत सुख प्राप्त हो जाता है। इसलिए भगवान बनने की प्रक्रिया में हमें प्रसन्न रहना सीख लेना चाहिए। इसके लिए छुल्लक जी ने एक सूत्र दिया था। भावना योगसूत्र  मुझे सदा प्रसन्न रहना है।  आपको लग रहा होगा यह तो कितना छोटा सा सूत्र है। आज दिनभर को विचारिए और सोचिए कि आप कितनी बार अप्रसन्न रहे। आप अप्रसन्न क्यों हुए हैं? मानिए आज आपको भोजन नहीं मिला। या कोई दुख उदय में आया। उदय में आया सो कट गया समझो। एक प्रकार से कर्जा चुक गया। तो ये बात भी तो हर्ष की है। मेरा ही पूर्व कर्म का उदय था सो कट गया। संयम के साथ उस कर्मोदय को सह लीजिए, तो अब आगे नहीं आयेगा। यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं तो अपने आप को punishment दीजिए। नौ‌ बार महामंत्र पढूंगा या एक का सिक्का दान करूंगा या दोनों ही करूंगा। आगे से फिर हर स्थिति में खुश रहूंगा। दो बातें हैं परिस्थिति और मन:स्थिति। परिस्थिति की अनुकूलता जब आपके हाथों में नहीं है तो उपर्युक्त प्रकार सोच विचार कर हमेशा प्रसन्न रहिए, आनंदित रहिए। आचार्य श्री का हायकू: कम से कम, स्वाध्याय का वर्ग हो, प्रयोग काल।

IGNOU project synopsis front page

Guys, the first question is that is it required at all to make cover page for Synopsis submission at IGNOU. So, the answer is no. It is required to attach front page with final project report though. Only proforma will suffice the requirement. But, if you are really trying to impress the approver and your guide then your front page should stand out.  You can use your imagination for that. We will also give you the format of front page of IGNOU project synopsis.  Here's an example of an attractive front page of IGNOU project proposal. Similar to this you can make to impress the synopsis approver.

Blog क्यों YouTube से बेहतर है | Blogging vs YouTube

क्यों Blogging का future अच्छा है? लोगों को कुछ ना कुछ संग्रह करने के लिए चाहिए होता है। वह youtube पर मूकमाटी के प्रवचन श्रृंखला सुनने से ज्यादा मूकमाटी पर लिखी किताब को पढ़ना prefer करेंगे।  इससे समय और डाटा (या पैसे)  दोनों बचते हैं। Benefit of reading  स्वयं कोई पुस्तक पढ़कर ही आप अच्छे प्रवचनकार बन सकते हैं। मात्र देखने सुनने से नहीं। Why are physical paperback books better than any of these (logically)? Blog और youtube से बेहतर एक physical किताब होती है। कारण वही है कि लोगों को कुछ ना कुछ संग्रह करने के लिए चाहिए।

आमद कम | Amad Kam kharcha jyada

आमद कम खर्चा ज्यादा लक्षण है मिट जाने का। कूबत कम गुस्सा ज्यादा लक्षण है पिट जाने का।। कूबत का अर्थ  कूबत का अर्थ है कि शक्ति या बल आमदनी अठन्नी और खर्चा यदि रुपया होगा तो व्यक्ति बेशक दिवालिया होगा। और व्यक्ति दुर्बल होकर भी ज्यादा गुस्सा करेगा तो नश्चित वह पिटेगा या हार जाएगा। इसलिए व्यक्ति को अपना कार्य अपने सामर्थ्य को मद्देनजर खते हुए करना चाहिए।