जैन धर्म के अनुसार चार प्रकार के दान | 4 daan

जैन धर्म के अनुसार ४ दान बताए गए हैं। वे इस प्रकार हैं:

  1. आहार दान: उत्तम पात्र को भोजन इत्यादि खिलाना आहार दान कहलाता है।
  2. औषधि दान: संयमी को शारीरिक कष्ट आ जाने पर उसके निवारण करने हेतु दवाइयां इत्यादि इलाज औषधी दान कहलाता है।
  3. अभय दान: सुपात्रों को भय हो सकने की वस्तुओं का निवारण करना। आवास इत्यादि की व्यवस्था करना अभयदान कहलाता है।
  4. उपकरण दान: साधु साध्वियों को पिच्छिका-कमंडल, शास्त्र आदि दान करना उपकरण दान कहलाता है।

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चारों दान में प्रसिद्ध कौन-कौन हुआ?

  1. आहार दान: राजा श्रेयांश ने आदिनाथ भगवान को आहार दान दिया।
  2. अभयदान: शूकर सिंह से मुनि महाराज को बचाते बचाते देवगती को प्राप्त हुआ।
  3. औषधी दान: सेठ पुत्री वृषभ सेना। श्री कृष्ण का मित्र वैद्यराज।
  4. उपकरण दान या ज्ञान दान:  गोविंद ग्वाला का सद्गति पाकर कौंडेश मुनि के पर्याय में श्रुतज्ञ बनना

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