बालू तो हो किरकिरी | Ek hi baar parakhiye Kabir

 

एक ही बार परखिये, ना वा बारम्बार ।

बालू तो हू किरकिरी, जो छानै सौ बार ॥

Balu bajri viswas hath kabir रेत kabir, बालू bajri chut kabir, बालु bajri viswas hath kabir रेत, bajri viswas hath kabir, bajri viswas, bajri hathe kabir

संक्षेप में एक बार ही परखिए का अर्थ

एक ही बार में किसी पर विश्वास कर लीजिए बार-बार परखने की आवश्यकता नहीं है।

अंग्रेजी में अभी कहावत है:

First choice is the best choice.

बजरी तो हो किरकिरी का भावार्थ 

कबीर दास जी कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को बस ठीक-ठीक एक बार में ही परख लेना चाहिए, उसे बार बार परखने से कोई फायदा नहीं है। 

रेत को अगर कई बार भी छाना जाए या परखा जाए तो भी उसकी किरकिराहट दूर न होगी और वह हाथ से छूट जाएगी।

इसी प्रकार किन्हीं मूढ़ या दुर्जनों को कितनी बार भी परखो तब भी वह अपनी मूढ़ता या दुष्टता से भरे वैसे ही मिलेंगे। उनके स्वाभाव में कोई सुधार नहीं होगा। 

वैसे ही सज्जन व्यक्ति की परख भी एक बार में ही हो जाती है। उनको भी बार-बार परखने की जरूरत नहीं है।

बालू का अर्थ: बजरी या रेत


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