Tu ka tu Lyrics| तू का तू
इनका भेद बता मेरे अवधू
अच्छी करनी कर ले तू
डाली फूल जगत के माही
जहाँ देखा वहां तू का तू
हाथी में हाथी बन बैठो
चींटी में है छोटो तू
होय महावत ऊपर बैठे
हांकन वाला तू का तू
चोरों के संग चोरी करता
बदमाशों में भेड़ो तू
चोरी करके तू भग जावे
पकड़ने वाला तू का तू
दाता के संग दाता बन जावे
भिखारी में भेड़ो तू
मंगतों होकर मांगन लागे
देने वाला तू का तू
नर नारी में एक विराजे
दो दुनिया में दिसे क्यूँ
बालक होकर रोवन लागे
राखन वाला तू का तू
जल थल जीव में तू ही विराजे
जहाँ देखूं वहां तू का तू
कहें कबीर सुनो भाई साधो
गुरु मिला है ज्यों का त्यों
Tu ka tu English lyrics
Inaka Bhed Bata Mere Avadhu
Achi Karni Kar Le Tu
Dali Phool Jagat Ke Mahi
Jahan Dekha Vahan Tu ka tu
Hati Me Hati Ban Baitho
Chinti Me Hain Chhoto Tu
Hoy Mahavat upar Baithe
Haankan Vala Tu ka tu
Choron Ke Sang Chori Karta
Badamaashon Mein Bhedo Tu
Chori Karke Tu Bhag Jaave
Pakadane wala Tu ka tu
Data Ke Sang Data Ban Jave
Bhikhari Mein Bhedon Tu
Mangto Hokar Mangan Lage
Dene wala Tu ka tu
Nar Nari Mein Ek Viraje
Do Duniya Mein Dise Kyon
Baalak Hokar Rovan Laage
Rakhan wala Tu ka tu
Jal Thal Jeev Mein Tu Hi Viraaje
Jahan Dekhu waha Tu ka tu
Kahen Kabir Suno Bhai Sadho
Guru Mila Hain Jyon Ka Tyon
Tu ka tu English meaning
Do you get the difference, o wise one!
You should always do good deeds
In flowers, branches, in this whole world
wherever i look, i see you only you.
In an elephant, you become an elephant
In an ant, there is little you
As Mahavat, you sit on top
the driver is you only you
With thieves you become a thief
You are in scoundrels too
You are the one who robs and runs
The cop who nabs is you only you.
With givers you become a giver
You are among the paupers too!
As a beggar you go begging
The donor too is you only you!
In man and woman only one resides
Who in this world could call them two
As a child, you start to cry
The keeper is you only you
In Water, Earth, Life you are present
Wherever i look, you only you!
Kabir says, listen sadhoos
I have found a guru, as is, where is
तू का तू कबीर दास हिन्दी अर्थ
क्या तुम्हें फर्क समझ आया, हे बुद्धिमान! तुमको हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए फूलों में, शाखाओं में, इस सारे संसार में जिधर भी देखता हूँ, तू ही तू नजर आता है।
हाथी में तुम हाथी बन जाते हो, एक चींटी में तुम छोटे ही हो। महावत के रूप में आप शीर्ष पर बैठते हैं, चालक तो आप ही हैं।
चोरों के साथ तुम चोर बन जाते हो और बदमाशों में तुम ही लूटने और भागने वाले हो।
पकड़ने वाले पुलिसवाले सिर्फ तुम ही हो।
दाताओं के साथ आप दाता बन जाते हैं आप भी कंगालों में से हैं! एक भिखारी के रूप में आप भीख मांगते हैं दाता भी तो तुम ही हो!
स्त्री-पुरुष में एक ही का वास होता है। इस संसार में कौन उन्हें दो कह सकता है? एक बच्चे के रूप में, आप रोना शुरू कर देते हैं रखवाले तो तुम ही हो।
जल, थल, जीवन में तुम विद्यमान हो। मैं जिधर भी देखता हूँ, तुम ही तुम हो! कबीर कहते हैं, सुनो साधुओ मुझे गुरु मिल गया, जैसे का वैसा।
Comments
Post a Comment