Bhojan Aadha Kijiye | Aacharya Shri Doha for longevity Hindi

भोजन आधा कीजिए

दुगना पानी पीयूं

तिगुना श्रम

चौगुनी हंसी

वर्ष सवा सौ जीयूं

 

bhojan aadha kijiye

doguna Pani peun 

tiguna shram

chowguni hansi, 

varsh sava sow jeeun

आप सभी ने अभिनेता राजपाल यादव का नाम तो सुना ही होगा। सोमवार, १४ दिसंबर, २०२० को ये आचार्य श्री जी के पास पधारे और उनसे आशीर्वाद लिया।

जब आचार्य श्री जी को बताया गया कि ये राजपाल यादव हैं और ये 'कलाकार' हैं तो, आचार्य श्री ने अपनी लय में कहा।

कला बहत्तर पुरुषों की, तामैं दो सरदार

एक जीव की जीविका, एक जीव उद्धार 

थोड़ा ठहर कर, आचार्य श्री ने निम्न लिखित दोहा कहा।

भोजन आधा कीजिए

दुगना पानी पीयूं

तिगुना श्रम

चौगुनी हंसी

वर्ष सवा सौ जीयूं

इस दोहे को सुनकर राजपाल यादव हर्ष विभोर हो गये और कह पड़े कि अब इस दोहे में जो कहा गया है वही मेरे जीवन का लक्ष्य होगा।

राजपाल यादव, आचार्य श्री विद्यासागर और राजपाल यादव, Rajpal Yadav


आइये हम इस दोहे का विवेचन करते हैं।

भोजन आधा कीजिए और, दुगना पानी पीयूं। 

भोजन कम करने से क्या फायदे हैं? सो हम आगे देखेंगे। अभी के लिए आप मुझे यह बताइए कि ‌भोजन करना ज्यादा जरूरी है या कि किये हुए भोजन को पचाना? 

आप सभी मेरी इस बात से जरूर सहमत होंगे कि भोजन को पचाना‌, भोजन करने की तुलना में अधिक आवश्यक है। ऐसा क्यों? जितना चाहें उतनी मात्रा में आप भोजन कर लीजिएगा। परन्तु यदि आपका किया हुआ भोजन पचे नहीं तो क्या मतलब हुआ भोजन करने का?

यदि आपका किया हुआ कम भोजन भी पच जाए तब तो आप स्वस्थ हैं, नहीं तो आप अस्वस्थ हैं।

भोजन कब पचता है?

भोजन को आप तब ही पचा हुआ माने जब आपको स्वतः ही दोबारा भूख लग जाए। और भूख तब ही लगती है जब आप श्रम करते हैं। भूख और नींद ऐसी दो चीजें हैं जो श्रम करने के पश्चात ही लगती हैं। इस बात से दोहे की तीसरी पंक्ति भी कुछ हद तक सिद्ध हो जाती है, जिसमें कहा गया है 'तिगुना श्रम'।

भोजन की मात्रा से ज्यादा, पानी पीने की मात्रा क्यों होनी चाहिए?

हम सभी पानी तो पीते हैं। परन्तु, क्या आपने कभी सोचा है कि पानी का आपके शरीर के लिए क्या महत्व है? मेरी समझ में तो पानी का महत्व शक्ति प्रदान करने व गंदगी साफ करने का है

हम कितना भी अनाब-सनाब भोजन कर लिया करें। कुछ अंतराल के बाद पानी पीने से शरीर की सारी गंदगी निकल जाती है। तभी तो पानी को अंग्रेजी भाषा में यूनिवर्सल सॉल्वेंट कहा जाता है। यह किसी भी चीज को अपनेे में घोल लेता है। अर्थात, पानी सभी चीज को पचा जाता है।

पानी पीने से शरीर में तरलता भी आती है। आपका रक्त भी तरल होता है और, पानी भी तरल होता है। रक्त को रक्त बनाये रखने में पानी की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

इसलिए जरूरी है कि पानी की मात्रा भोजन की तुलना में बहुत अधिक होना चाहिए।

हंसने का जीवन में क्या महत्व है?

इस विषय के बारे में मैं इतना जानता हूं कि एक किताब लिख दूं। गौर करने की बात यह है कि मेरे से ज्यादा आप लोग 'हंसी' का महत्व जानते हैं। पर आज हंसी किसी के चेहरे पर दिखाई नहीं देती है।

हंसी हमारे अंदर सकारात्मकता लाती है। जिससे सामने आते हुए कष्ट कुछ फीके से पड़ जाते हैं। सभी महान लोग हंसते या मुस्कुराने का प्रयास करते हैं और लोगों को भी हंसने के लिए कहते हैं।


Mahatma Gandhi muskurate hue, मुस्कुराते हुए महात्मा गांधी,



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