Skip to main content

सूती कपड़ों में सिलवटें क्यों आती है? Why do cotton clothes shrink Hindi

आप लोगों ने अपने आसपास के ग्रामीण लोगों की कभी पोशाक देखी है? वे लोग मुख्यता धोती-कुर्ता ही पहनते हैं। यह जींस वगैरह तो आजकल के जमाने के लोग पहनते हैं, और इसे फैशन बताते हैं।

चलो मैं यह मान लेता हूं कि आपने ध्यान से इन ग्रामीणों की पोशाक नहीं देखी है। परंतु आपने गांधी जी की पोशाक तो देखी ही होगी। वे घुटनों तक वाली धोती पहनते थे और ऊपर के शरीर  में बड़ा सा दुपट्टा ओढ़ते थे। उनकी पोशाक में आपको बहुत सिकुड़न दिखती होगी।


इस सिकुड़न के मायने क्या हैं? क्या यह सिकुड़न किसी भी मामले में गलत है? नहीं। आपके कपड़ों में यदि सिकुड़न आ जाती है, तो यह इस बात का परिचायक है कि आपके कपड़ों में कपास की मात्रा अधिक है।


भगवा कपड़ा


पॉलिस्टर के कपड़ों में सिकुड़न नहीं आती है। ऐसा क्यों है? ऐसा इस वजह से है क्योंकि पॉलिस्टर का कपड़ा एक प्रकार से प्लास्टिक होता है और प्लास्टिक सिकुड़ता नहीं। प्लास्टिक तो वैसा ही ढल जाता है जैसा हम चाहते हैं।


कपास या सूत के साथ ऐसा नहीं है। यह तो भगवान के दिए हुए तत्व है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पॉलिस्टर को हम कपास जैसा बनाना चाहते हैं। 


अंग्रेजी में एक शब्द है टेक्सचराइजेशन। एक कपड़ों के विशेषज्ञ को इसके बारे में पता होगा। टेक्सचराइजेशन का मतलब है कि हम कपास की नकल पॉलिस्टर में चाहते हैं। आपको पता है कि यह टेक्सचराइजेशन, आराम को नापने का पैमाना है। 


कपास का वस्त्र, क्यों इतना आरामदायक होता है? यह इसी टेक्सचराइजेशन की वजह से होता है। आप एक कपास के रेशे को हाथ में रखकर ध्यान से देखिए। देखने में यह कपास का रेशा, टेढ़ा मेढ़ा, कहीं-कहीं से मुड़ा हुआ लगेगा। यह इसका टेढ़ा मेढ़ा होना, आपको आराम देने के पीछे काम करता है। कभी तो यह पसीना सोख लेता है तो कभी आपके शरीर के हिसाब से फैल जाता है। 


बस यही तो कपास की खूबी है।


कपास में यह टेक्सचराइजेशन प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। पॉलिस्टर के साथ ऐसा नहीं है। पॉलिस्टर में हम बनावटी टेक्सचराइजेशन देते हैं। वह कैसे देते हैं, यह मैं आपको विस्तार से समय मिलने पर आगे समझाऊंगा। 


अभी के लिए बस आप इतना समझ लीजिए की जब मशीन में से पॉलिस्टर बनकर बाहर निकलता है, उस समय तुरंत ही दो तश्तरीयों द्वारा उसे दबा दिया जाता है और फिर  तश्तरीयों को  उठा लिया जाता है। इससे पॉलिस्टर में बनावटी टेक्सचराइजेशन आ जाता है।


तो आगे यदि आपका मित्र आपसे कहे कि आपके कपड़े में सिकुड़न है, आप इसे प्रेस करवा लीजिए। तब आप उसे जवाब देना कि यह सिकुड़न मेरे कपड़े में शुद्ध कपास होने का परिचायक है। मैं इंसान हूं, मुझे प्रकृति ने बनाया है, तो मैं प्राकृतिक चीजें ही पहनूंगा।


आपके कपड़े इस सिकुड़न या टेक्सचराइजेशन के कई फायदे हैं, जैसे कि;

१) इससे ब्रीदेबिलिटि बढ़ती है 

२) आराम बढ़ता है 

३) आप जैसे चाहें वैसे फैल कर या सिकुड़ कर के बैठ सकते हैं 

४) यह आपके पसीने को सोख लेता है 

५) कपड़ा, कपड़े जैसा दिखता है, प्लास्टिक जैसा नहीं


यहां मैं आपको एक बात बता दूं कि पुराने जमाने में जितनी ज्यादा कपड़ों में सिकुड़न होती थी, उतनी ही अधिक उसकी गुणवत्ता कही जाती थी। यह बात मुझे उजरम्मा जी से पता लगी। उजरम्मा जी भी हम जैसे ही खादी की भक्त हैं, और उसको ही आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं।


यहां पर मुझे राजीव दीक्षित जी की वह बात याद आ जाती है, जब वे बताते थे कि मुंबई के या किसी भी बड़े शहर के घरों की संरचना कितनी बेकार है। सब सीधी लाइन में और आमने-सामने फ्लैट बने हुए हैं। सभी एकदम सपाट। यह सीधी रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं। ऐसी ही हमारी जिंदगी होती जा रही है। जो लोग भी इन फ्लैट्स में रहते हैं, वे एक दूसरे से प्रेम करने की बजाय उनकी लाइनें काटने में लगे हुए हैं।


एक भैया जी ने, मुंबई के घरों को डब्बों की उपाधि दी थी।


इनसे ज्यादा तो, गांव में रहने वाले आदमी पढ़े-लिखे हुआ करते हैं। गांव में घर कभी भी आपको सीधी रेखा में, एक के बगल में एक, आमने-सामने, ऐसे बने हुए दिखाई नहीं देंगे। और यही उनकी शोभा बढ़ाती है। 


फ्लैट, मुंबई के फ्लैट,


एक जैसी सपाट चीजें हमेशा शोभा को कम करने का काम करती है। तभी तो हम लोग अपना वीकेंड पहाड़ों के बीच में, जंगल में, पेड़ों के पास में, नदियों के पास में बिताना पसंद करते हैं। आप ध्यान से देखिए इनमें से कोई भी चीज सपाट नहीं है। सभी खुरदुरी या ऊबड़-खाबड़ हैं। और जब तक यह ऐसी खुरदुरी रहेगीं, तब तक ही इनकी शोभा रहेगी, और तब तक ही आप इनके पास जाना पसंद करेंगे।


पहाड़, बर्फीला पहाड़, प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहर पर्वत


फैसला आपके हाथ में है कि आपको कौन से कपड़े चुनने हैं। अब आप लोग खुद ही पढ़े लिखे हैं, इस विश्वास के साथ मैं अपनी लेखनी को यहीं विराम देता हूं।


धन्यवाद।


Comments

Popular posts from this blog

ACON bridge Infosys questions and eligibility 2024

Associate Consultant questions About ACON Associate Consultant Bridge is one of the flagship programs at Infosys which allows employees to make significant career shifts from Technology to Consulting space. It is a detailed course on the key fundamentals of Process and Domain Consulting. An employee shortlisted for this Bridge Program will build on strong foundations and learn how consulting helps in different phases of the project including problem definition, effort estimation, diagnosis, solution generation, design and deployment and participate in unit-level and organizational initiatives.  Such employees develop an advanced domain knowledge to provide high quality and value-adding consulting solutions to Infosys clients! Who is eligible for ACON Bridge? There are several parameters to determine eligibility for ACON Bridge. The bridge team determines the final eligibility, and these employees can nominate themselves on the LnC portal. Some of the parameters are given below Ra...

Infosys Job Roles designation | Systems Engineer, Testing and Consulting

There are mainly four career branch/ stream with Infosys. Delivery Architecture Testing Consultancy Pranoy Match Delivery to Consulting  hierarchy in Infosys Operations Executive -> Systems Engineer-> Senior Systems Engineer-> Technical Analyst-> Technical Lead-> Technical Architect/Project Manager-> Senior Technical Architect/SPM-> Principal Consultant/GPM.  The variation could be understood if we take a look at different streams at Infosys. What is job level 6 in Infosys? This is the mid management level in Infosys. In delivery, following roles are mapped to JL 6: Project Manager Senior Project Manager Group Project Manager In Consultancy, following roles fall under job level 6: Lead Consultant Principal Consultant In technical stream, following roles fall under JL6: Lead Architect Senior Architect Note: there are sub levels in JL6 and these are mapped to different sub levels. Consulting hierarchy at Infosys  Consultants are either MBA graduates or ...

विद्या ददाति विनयं एवं अन्य श्लोक | Vidya dadati vinayam

Vidya dadati vinayam shloka विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मं ततः सुखम्॥ विद्या ददाति विनयम् भावार्थ विद्या विनम्रता प्रदान करती है, विनम्रता से मनुष्य योग्यता प्राप्त करता है,अपनी योग्यता के दम पर मनुष्य धन को प्राप्त करता है, और धन से धार्मिक कार्य समपन्न हो सकते है। धार्मिक कार्य से असीम आनन्द की प्राप्ति होती है । इसका भावार्थ यह है कि मनुष्य को सदैव सर्वश्रेष्ठ कार्य करते रहना चाहिये, उसी से सुख की प्राप्ति होती है। इसके मूल मे यह है कि मनुष्य को ज्ञानवान होने की महती आवश्यकता है। पात्रता (Patrata) का मतलब विद्या ददाति विनयं में पात्रता का मतलब है योग्यता। इसलिए कहा है विनयाद् याति पात्रताम्। यानी कि विनय से योग्यता आती है। Viniyam dadati dhanam in English Vidya that is, knowledge gives us humility, with humility comes ability and with ability we get wealth by which we can do religious work and we get happiness! हंसी में किसी ने सही कहा है कि विद्या ददाति सरकारी नौकरी। Vidya dadaati sarkari naukari Sundar biwi joke विद्या ददाति सरकारी ...