Na Sona Kam aayega na chandi aayegi bhajan
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
छोटा सा तू, कितने बड़े अरमान हैं तेरे,
मिट्टी का तू, सोने के सब सामन हैं तेरे।
मिट्टी की काया मिट्टी में... जिस दिन समाएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥
अच्छे किये तूने करम तो पाया मानव तन,
अब पाप में क्यों डुबा रहा मानव तेरा ये मन?
ये पाप की नैया तुझे एक दिन डुबायेगी,
ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी।।
जैसा किया है तूने तेरे साथ जायेगा,
बोये है जब काँटे तूने, कैसे फूल पायेगा?
ये पाप कि गठरी तुझे एक दिन डुबायेगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥
भाई भतीजे बन्धु सब मतलब के हैं सारे,
कोई नही कुछ काम तेरे आएंगे प्यारे।
करनी ही तेरी बावरे तेरे संग जाएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी॥
कोठी वही, बंगला वही, बगिया रहे वही।
पिंजरा वही, पंछी वही है, बागवां वही।
ये तन का चोला आतम जब छोड़ जायेगी,
ना सोना काम आयेगा, ना चांदी आयेगी॥
पर खोल ले पंक्षी तू पिंजरा तोड़ के उड़ जा,
माया महल के सारे बंधन छोड़ के उड़ जा।
धड़कन में जिस दिन मौत तेरी गुनगुनायेगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।।
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