लोभी का धन लाबर खाए
और बचे सरकारे जाये।
Lobhi ka dhan labar khaye meaning
लाबर का अर्थ: लाबर एक बुन्देलखण्डी शब्द है, जिसका अर्थ लबरा होता है। लबरा यानी कि बदमाश या झूठा।
लबरा का अर्थ| Labra meaning
लबरा: बदमाश या झूठा
Labra in english
लबरा: Liar, cunning
Muhavra lobhi ka dhan labar khaye
लोभी का धन लाबर खाए
और बचे सरकारे जाये।
इस मुहावरे का भावार्थ है कि जो व्यक्ति बहुत लोभ करता है, धन का या किसी भी चीज का, वह उसका पैसा उसके काम का नहीं हो पाता है।
फिर वह पैसा किसके काम का होता है? वह पैसा लोभी के मरने के बाद या तो उसके बच्चों का या बीवी का हो जाता है या फिर वही लोभ का पैसा सरकार के हाथों चला जाता है।
इस वजह से पैसों का वितरण होना भी जरूरी है। यदि एक जगह पैसा रह जाता तो वह एक जगह इकट्ठे हुए पानी के भांति सड़ जाता है। और यदि सड़ता नहीं है तो उसी पानी के भांति बांध को तोड़कर बाढ़ दिला देता है।
लोभी का धन लाबर खाए भावार्थ
लेखक ने यह मुहावरा लोभी का धन लाबर खाए एक बहुत ही विख्यात साधु के मुंह से सुना।
लोभी का धन लाबर खाए यह मुहावरा इंगित करता है कि व्यक्ति को पैसों का लालच नहीं करना चाहिए। लालच हो भी जाए तो पैसों को अपने पास इकट्ठा नहीं रखना चाहिए।
हाल ही की घटना है कि एक व्यक्ति ने लॉकर में अपना कमाया हुआ पैसा रखा और बहुत सालों बाद वह बैंक के लॉकर को खुलवाता है तो पता है कि वह पैसा उसका, कीड़े खा गए।
फिर सरकार भी तो है
यदि लोभी व्यक्ति के मरने के बाद उसका धन उसके परिवार वाले के हाथों में नहीं लगा तो वह कानून के हिसाब से सरकार का हो जाता है। अब बताइए कितनी मेहनत करके, कितना लोभ करके, कितने विकल्प करके व्यक्ति ने पैसा कमाया और चला गया वह सरकार को।
और फिर सरकार टैक्स भी लेती है। तब भी लोभी का पैसा सरकार को टैक्स देने में चला जाता है।
आखिर में लोभी व्यक्ति का कमाया हुआ धन भी उसके मरने के बाद सरकार जब्त कर लेती है।
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