Vidya dadati vinayam shloka
विद्या ददाति विनयं,
विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम्॥
विद्या ददाति विनयम् भावार्थ
विद्या विनम्रता प्रदान करती है, विनम्रता से मनुष्य योग्यता प्राप्त करता है,अपनी योग्यता के दम पर मनुष्य धन को प्राप्त करता है, और धन से धार्मिक कार्य समपन्न हो सकते है। धार्मिक कार्य से असीम आनन्द की प्राप्ति होती है ।
इसका भावार्थ यह है कि मनुष्य को सदैव सर्वश्रेष्ठ कार्य करते रहना चाहिये, उसी से सुख की प्राप्ति होती है। इसके मूल मे यह है कि मनुष्य को ज्ञानवान होने की महती आवश्यकता है।
पात्रता (Patrata) का मतलब
विद्या ददाति विनयं में पात्रता का मतलब है योग्यता। इसलिए कहा है विनयाद् याति पात्रताम्। यानी कि विनय से योग्यता आती है।
Viniyam dadati dhanam in English
Vidya that is, knowledge gives us humility, with humility comes ability and with ability we get wealth by which we can do religious work and we get happiness!
हंसी में किसी ने सही कहा है कि विद्या ददाति सरकारी नौकरी।
Vidya dadaati sarkari naukari Sundar biwi joke
विद्या ददाति सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी ददाति सुंदर कन्या
सुंदर कन्या ददाति सुंदर सुत:
सुंदर सुत: ददाति सुंदर बहु;)
हंसी की बातें बाद में पर यह श्लोक विद्या के ऊपर गंभीर है।
Aalsya kuto Vidya kuto Dhanam
अलसस्य कुतो विद्या?अविद्यस्य कुतो धनम्?अधनस्य कुतो मित्रम्?अमित्रस्य कुतः सुखम्
अविद्यस्य कुतो धनम् का मतलब
आलसी व्यक्ति को विद्या कहाँ? अनपढ़ मूर्ख को धन कहाँ? निर्धन को मित्र कहाँ? और अमित्र को सुख कहाँ?
Amitrasya kuth sukham meaning in English
A lazy person will not gain wisdom, without wisdom he won't have wealth, without wealth he won't have friends, and without friends how could he be happy?
Homework Vidya stotra
बताइए निम्नलिखित श्लोक का क्या अर्थ है?
येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः
Comments
Post a Comment