खादी कैसे बनाते हैं? इस बात की पूरी व्याख्या महात्मा गांधी जी के भतीजे श्री मगनलाल खुशाल चंद गांधी ने अपनी पुस्तक में दी है।
यह पुस्तक मूल रूप से गुजराती में लिखी हुई है। इसका अनुवाद हिंदी भाषा तथा मराठी भाषा में भी हुआ है। मैं यहां पर आपको तीनों भाषाओं में यह पुस्तक प्रदान करूंगा।
हिंदी भाषा में इस पुस्तक का नाम चरखा शास्त्र है।
गुजराती भाषा में इस पुस्तक का नाम वनात शास्त्र है।
खादी बनाने के लिए कपास की फसल से लेकर सूत बनाने तक की पूरी तकनीकी जानकारी इस पुस्तक में दी गई है। सूत बनाने के बाद करघे पर कपड़े बनाने की जानकारी इसमें नहीं दी गई है।
परंतु हथकरघा की जानकारी आपको आज मिल सकती है। चरखे तो भारत से लुप्त हो गए, पर, किन्ही जगह कुछ हथकरघे अभी तक बचे हुए हैं।
आशा है कि पाठक चरखा शास्त्र में से सूत बनाने की तकनीक सीखने के बाद कपड़े बनाने की तकनीक सीखने में भी रुचि रखेंगे। यह उत्तम दर्जे की कला है। जिसका की आगत वर्षों में मूल्य बढ़ता ही जाएगा।
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