आहरजी सेठ पांणा शाह ने बनवाया।
आहार जी क्षेत्र में जैन मंदिर बनवाने के पीछे कहानी
सेठ पांणा शाह पन्ना के पास से अपने गांव से चलते थे। अपनी बैलगाड़ी में लोहा लेकर के चलते थे और आहार जी क्षेत्र पर वह लोहा चांदी में बदल जाता था।
आहारजी सिद्ध क्षेत्र के अलावा इन्होंने बानपुर का क्षेत्रपाल जी का मंदिर भी बनवाया।
अतिशय क्षेत्र पपौरा जी में प्रसिद्ध मंदिर बनने के पीछे की कहानी
पपौरा जी का वह मंदिर जिसमें आचार्य श्री विद्यासागर 2018 में ससंघ रुके हुए थे वह पठा वाले सेठ ने बनवाया था।
पठा वाले सेठ और उनके एक सेठ मित्र के बीच में एक छोटा सा झगड़ा हो गया। क्या हुआ कि मित्र सेठ ने गांव में एक भूल भुलैया नुमा मंदिर बनवाया। तो पठा वाले सेठ ने अपने मित्र को उस मंदिर से अच्छी आकृति सुझाई। इस पर मित्र ने कहा कि अब आप जब मंदिर बनवाओगे तो वहां पर आप अपनी सुझाव हुई आकृति को अमल में लाना।
यह बात पता वाले सेठ के दिल में लग गई। फिर उन्होंने पपौराजी क्षेत्र में वैसा ही एक मंदिर बनवाया पर उसमें अपनी आकृति अमल में लाई।
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