एक था ग्वाला बड़ा निराला
दूध बेचने जाता था, पैसे खूब कमाता था
लोभ उसे आ जाता था, पानी में दूध मिलाता था
बंदर ने यह देख लिया, मन ही मन में सोच लिया
दूध बेचकर ग्वाला आया, आकर नदी में लगा नहाया
उसी समय बंदर भी आया
ले भागा पैसों की माया
आधे पैसे तू ले ग्वाले आधे तो पानी में डाले
पानी का धन पानी में नाक कटी बेईमानी में
आया मजा कहानी में, मत डूबो बेईमानी में
ग्वाला का अर्थ: जिसने गायों को पाला
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