यदि कोई तुम्हारे आवाहन को नहीं सुने, तो तुम अकेले ही आगे बढ़ते जाओ।
अकेले ही आगे बढ़ते जाओ। (३)
यदि डर के मारे कोई बोलने की हिम्मत नहीं करता है, या उस डर के मारे सभी ने मुंह मोड़ लिया है। तो पूरी ताकत के साथ तुम अकेले ही दहाड़ो।
यदि मुंह छुपा कर सभी लोग भाग निकलें, और उस कंटक पथ पर कोई तुम्हारा साथ नहीं दे। तो लहूलुहान तुम्हारे कदम उस कंटक पथ पर अकेले ही आगे बढ़ते जाएं।
यदि कोई तुम्हारे आवाहन को नहीं सुने, तो तुम अकेले ही आगे बढ़ते जाओ।
यदि कोई व्यक्ति दीया को पकड़कर तुम्हारे पथ को प्रदर्शित नहीं करता है। उस भयंकर अंधेरी रात में सभी ने अपने घर के दरवाजे बंद कर लिए हैं। तब अपने जिगरे में आग लगाकर खुद अपने पद को रोशन करते अकेले ही आगे बढ़ते जाओ।
एकला चलो रे यह भजन रविंद्र नाथ टैगोर ने सन् १९०५ में बंगाली भाषा में लिखा था। एकला चलो रे यह भजन बहुत ही प्रेरणादायक भजन है। एकला चलो रे इस भजन में लेखक श्री रविंद्र नाथ टैगोर कहते हैं कि अच्छे काम में सौ अड़चने आती है और लोग तुम्हारा साथ भी छोड़ देते हैं। डर के कारण लोग स्वार्थी बन बैठते हैं।
एकला चलो अरे के माध्यम से रविंद्र नाथ ठाकुर का कहना है: कि कोई बात नहीं यदि लोग तुम्हारा साथ छोड़ कर चले जाते हैं। यदि तुम्हें रास्ता सही लगता है तो तुम उस पर अकेले ही चलो। बाद में लोगे तुम से प्रेरणा लेकर तुम्हारे साथ हो जाएंगे।
सन् २०१२ में कहानी पिक्चर में अमिताभ बच्चन ने भी यह गाना 'एकला चलो रे' गाया है।
Ekla chalo re lyrics meaning in English
If there is no-one heeds your call - then go on all alone
If no-one can speak, don't think you are unfortunate, if no-one can speak,
If everyone turns away, if everyone fears to speak, then with an open heart without hesitation speak your mind alone
If everyone walks away, O unlucky one, everyone walks away
If no-one looks back towards your unpredictable path, then with thorn pricked bloodied feet, walk alone
If no-one heeds your call - then walk alone
If no-one shines a light on the path, O unlucky one,
If the dark night brings thunder and storm at the door - then let the lightning ignite the light in you alone to shine on the path
If no-one heeds your call - then walk alone
एकला चलो रे के बंगाली में बोल
যদি তোর ডাক শুনে কেউ না আসে তবে একলা চলো রে। একলা চলো একলা চলো একলা চলো একলা চলো রে॥ যদি কেউ কথা না কয়, ওরে ও অভাগা,
যদি সবাই থাকে মুখ ফিরায়ে সবাই করে ভয় তবে পরান খুলে ও তুই মুখ ফুটে তোর মনের কথা একলা বলো রে
যদি সবাই ফিরে যায়, ও রে ও অভাগা, যদি গহন পথে যাবার কালে কেউ ফিরে না চায় তবে পথের কাঁটা ও তুই রক্তমাখা চরণতলে একলা দলো
যদি আলো না ধরে, ওরে ও অভাগা, যদি ঝড়-বাদলে আঁধার রাতে দুয়ার দেয় ঘরে তবে বজ্রানলে আপন বুকের পাঁজর জ্বালিয়ে নিয়ে একলা জ্বলোরে॥রে॥॥
Comments
Post a Comment