गांधी एक विचार है जो गोलियों और गालियों से नहीं मरते।
एक उत्तर उन तमाम गांधी के विरोधियों के लिए। आजकल Twitter पर अजीबोगरीब चर्चाएं trending रहती हैं। आज व्यक्ति भारत के पहले टेररिस्ट (first terrorist of India) नाथूराम गोडसे को नमन करता है। सामान्य व्यक्ति तो छोड़ ही दीजिए। अब नाथूराम गोडसे की शाख संभालने का बेड़ा कालीचरण बाबा जैसे लोगों ने भी उठा लिया है।
सच्चे मायनो यह हमें हिंदू धर्म नहीं सिखाता है। कल के दिन कोई कहने लगे कि रावण अच्छा और राम बुरे तो क्या हम सुन सकते हैं। अपितु नहीं। पर पता नहीं गांधी के विरोधी क्यों नाथूराम गोडसे के पक्ष में हैं।
आजकल ट्विटर पर #Nathuram Godse zindabad जैसे भद्दे नारे प्रचलन में आ जाते हैं। पर नाथूराम गोडसे के पक्ष वालों को यह भूलना नहीं चाहिए कि गांधी एक विचार हैं, जो गोलियों और गालियों से नहीं मरते हैं।
यदि आपने आंख बंद करके नाथूराम गोडसे का पक्ष ले लिया है तो जरा आंख खोल कर पढ़े लिखे और विनम्र बन कर इतिहास की कुछ किताबें पढ़ लेना आवश्यक है।
गांधी जी हम सभी के दिल और दिमाग में जिंदा है और जिंदा ही रहेंगे।
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई |
सच की राह पे राहिया
हार कभी ना होई
जाको राखे साइयां मार सके ना कोई
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