मोक्ष क्या? सच्चे देव शास्त्र एवं गुरु व उनसे मिलने वाले लाभ। अहिंसा क्या? आत्मा और शांति में संबंध। वैज्ञानिक बनना होगा। हृदयस्पर्शी कहानियां। अध्ययन कैसे करें कि ठीक प्रकार से ज्ञान प्राप्त हो? विकल्पों और शांति में भेद। कैसे विकल्प ही अशांति की जड़ हैं? इत्यादि बहुत सी बातें शांति पथ प्रदर्शन के दर्शन खंड एवं साधना खंड में दी गई हैं।
१९६० में प्रथम बार प्रकाशित शांति पथ प्रदर्शन पुस्तक भारत के कुछ स्वतंत्रता सेनानियों से भी संबंध रखती है। विनोबा भावे जी पुस्तक के लेखक जिनेंद्र वर्णी जी से बहुत प्रभावित थे। विनोबा जी के बोलने पर जिनेंद्र वर्णी जी ने समण सुत्तं ग्रंथ की रचना की। जिनेंद्र वर्णी जी का समण सुत्तं ग्रंथ बिना सांप्रदायिकता के जैन धार्मिक संस्कार देने में सक्षम है।
शांति पथ प्रदर्शन पृष्ठ संख्या: ३४६
Who was Jinendra Varni? No the author of Shanti path pradarshan Jinendra Varni
ShantiPath Pradarshan PDF: The spiritual guide to Moksha
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