आपने यह सुना होगा कि पॉलिस्टर, कॉटन से या अन्य किसी भी प्राकृतिक रेशे से ज्यादा मजबूत होता है। और यह बात कई हद तक सही भी है। कपड़ों में पॉलिस्टर का उपयोग इसी बात को मद्देनजर रखते हुए किया जाता है कि यह कपड़ा ज्यादा दिनों तक टिकेगा।
बचपन में मैंने भी एक ऐसी ही शर्ट खरीदी थी। शर्ट तो काफी महंगी थी। लगा इसका फैब्रिक भी अच्छा होगा। वह शायद मैंने कुछ एक डेढ़ साल ही पहनी होगी, वह भी कभी-कभी कोई विशेष अवसरों के आने पर। डेढ़ साल पहनने के बाद ही वह स्वयं फटने लगी।
आप यहां यह मत सोचिए कि मैं डेढ़ साल में बड़ा हो गया होऊं, जिससे वह शर्ट फट गई हो।
आज जब मैं, बतौर एक कपड़ा विशेषज्ञ, उस शर्ट के बारे में सोचता हूं तो पता लगता है कि वह शर्ट किन पदार्थों से बनी थी। वह शर्ट ना तो पूर्णतः पॉलिस्टर से बनी थी और ना ही वह पूर्णत: कपास से बनी हुई थी। वह शर्ट पॉलिस्टर और कपास के मिश्रण से बनी हुई थी। अब कितनी मात्रा में उसमें पॉलिस्टर था और कितनी मात्रा में कपास, यह तो अब याद नहीं आता।
पर मैं इतना दावे के साथ कह सकता हूं कि यदि कोई शर्ट कपास और पॉलिस्टर के मिश्रण से बनी हुई हो, विशेषकर जिसमें कपास की मात्रा पॉलिस्टर की तुलना में अधिक हो, वह जल्दी फट जाती है। और जो शर्ट पूर्णतः कपास से बनी हुई हो, या पूर्णतः पॉलिस्टर से बनी हुई हो वह देरी से फटती है।
ऐसा क्यों है?
मुझे ऐसा लगता है कि पॉलिस्टर और कपास के रेशों के मिश्रण से जो धागा बन कर तैयार होता है, देखने में तो वह मजबूत होता है, खींचो तो आसानी से टूटता नहीं है। परंतु इसमें पॉलिस्टर और कपास के रेशे आपस में लड़ते रहते हैं।
पॉलिस्टर तो ठोस है, पर कपास उतना ठोस नहीं है। एक ही धागे में अलग-अलग मजबूती के रेशे होने से, एक रेशा दूसरे रेशे से टकराकर उसे काट सकता है। यहां पॉलिस्टर का रेशा, घिसने पर कपास के रेशे को काट सकता है।
यही तब हुआ होगा जब मेरी शर्ट फटी।
यहां पर आप यह भी सोच सकते हैं कि यदि वह शर्ट हम पूर्णतः पॉलिस्टर के धागों से बनाते तो? तब मजबूती में तो उसे कोई पीछे नहीं छोड़ पाता। और वह शर्ट कई सालों तक भी नहीं फटती। हां इतना जरूर है कि वह शर्ट पहनने लायक भी नहीं बचती।
१००% पॉलिस्टर क्यों पहनने लायक नहीं है, यह अन्य मुद्दा है। इस बारे में हम कभी और बात करेंगे।
ब्लेंडिड कपड़ा जल्दी फट जाता है, और १००% पॉलिस्टर पहनने लायक नहीं रहता है, तो करें क्या? यहां पर फिर बीच का रास्ता समझ में आता है कि क्यों न १००% कॉटन ही पहना जाए?
तो क्या १००% कॉटन ड्यूरेबल है? मतलब कि, १००% कपास का कपड़ा, क्या जल्दी फटता नहीं है? हां, नहीं फटता है।
पर हम यह कैसे मान लें कि १००% कपास का कपड़ा जल्दी नहीं फटेगा? इसके पीछे विज्ञान छिपा हुआ है। पॉलिस्टर का एक धागा तो दूसरे धागे को काट भी सकता है। पर कपास का एक धागा दूसरे कपास के धागे के साथ मिलकर एकम एक हो जाता है। और एक कपास का धागा दूसरे कपास के धागे को कभी काटता नहीं है।
तो इस सब का मतलब यही निकल के सामने आता है कि शुद्ध सूती वस्त्र ही सबसे लंबे समय तक टिकता है।
कभी आपको बाजार जाकर कपड़े खरीदने की बारी आए, तो कभी भी ब्लेंडिड कपड़े को ना लें, क्योंकि वह जल्दी फट जाते हैं। आप दुकानदार से बोलिए कि यदि आपके पास सूती वस्त्र हो तो मैं उसको पहनने के लिए ले सकता हूं, नहीं तो जाने दें।
आप हमेशा सूती कपड़ों का उपयोग कीजिए। वे आपकी त्वचा के लिए भी आरोग्य वर्धक साबित होंगे।
धन्यवाद।
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