कुछ दिनों पहले ही मेरी मोबाइल की बैटरी फूलने लगी। मैं जो वस्तु इस्तेमाल करता हूं उसे बहुत दिनों तक चलाने की आशा रखता हूं। पिछले ४ सालों से मैं मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था, कभी भी उसे ऐसे नहीं पकड़ा कि वह हाथ से गिर जाए।
यह बैटरी का फूलना मेरी गलती कम, मोबाइल उत्पादन वालों की ज्यादा थी। यह धोखा किसी के साथ भी हो सकता है।
क्या है मोबाइल की बैटरी फूलने का असर?
यह बात मेरे को नहीं मालूम थी कि मोबाइल स्क्रीन बाहर आने से या बैटरी फूलने से क्या प्रभाव पड़ता है। जब तक कि मैंने इंटरनेट पर इसके बारे में खोज नहीं की।
खोज करने के बाद मैं समझ गया कि मैं अपने जेब में एक टाइमबॉम्ब लेकर घूम रहा हूं।
क्या मोबाइल की फूलती बैटरी आपके लिए खतरनाक है?
यदि आपके मोबाइल की बैटरी लगातार फूलती जा रही है तो यह आपके लिए बहुत खतरनाक है। तब यह एक प्रकार से विस्फोटक बन जाती है।
दरअसल होता यूं है कि रासायनिक क्रिया के द्वारा बैटरी चार्ज होती है और उसी के द्वारा डिस्चार्ज। यह ऑक्सीडेशन क्रिया के नाम से भी जानी जाती है।
चार्ज होने के दौरान यदि यह ऑक्सीडेशन क्रिया ज्यादा मात्रा में होने लगे तो एक ठोस पदार्थ या गैस, बैटरी के कवच के अंदर इकट्ठा होना चालू हो जाता है। फिर अगली बार चार्ज करने पर और भी ज्यादा इकट्ठा होने लगता है। जिससे कि बैटरी दिनों-दन फूलती रहती है।
बैटरी फूल रही है इसका पता कैसे लगाएं?
- जब मोबाइल की स्क्रीन कवच से बाहर निकलने लगे
- जब मोबाइल के पीछे का कवच बाहर निकलने लगे
किस वजह से विस्फोट होने का खतरा है?
यदि बैटरी में हवा भर रही है तो विस्फोट होने का खतरा कम है और यदि ठोस पदार्थ जम रहा है तो ज्यादा खतरा है।
क्या है बैटरी फूलने से असल खतरा?
मैं जब यूट्यूब में कुछ वीडियोस देख रहा था तो समझ पा रहा था कि क्या खतरा है। कुछ व्यक्तियों ने प्रयोग करके बताया। उन्होंने बैटरी का 'पावर कट' सर्किट निकाल कर उसको ओवर चार्ज किया। १-२ मिनट में बैटरी विस्फोट हो गई। दूसरी ओर एक व्यक्ति ने बैटरी के फूलती हालत में उस पर दबाव बनाया, देखते ही देखते बैटरी में आग लग गई।
ऐसी ही एक घटना मेरे साथ कुछ समय पहले घटी। मेरे मोबाइल (redmi 4) की बैटरी फूलने लगी थी। मैंने एक दुकानदार को बैटरी बदलने के लिए दिया। उसने मोबाइल को खोल कर देखा। तभी मेरा मन बदल गया। उसे कामचलाउ बंद करवा कर मैं मोबाइल वापस ले आया।
अगले दिन मैंने मोबाइल को फॉर्मेट करने का सोचा। बैटरी पर जो कामचलाउ कवच जोड़ा था, तब वह अपने आप ही बाहर की ओर खिसक गया। मैंने तुरंत सावधान हुआ, और मोबाइल को स्विच ऑफ करके नया मोबाइल मंगाया।
कैसे करें बचाव?
जब भी आपको आभास हो कि आपके मोबाइल की बैटरी फूल रही है तो आप सावधान हो जाएं। पहले से ही आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं, जिसकी बदौलत बैटरी कम फूलती है।
- आप मोबाइल को कभी भी ओवर-चार्ज नहीं करें और न ही उसे डीप-डिस्चार्ज होने दें।
- मोबाइल को उसके साथ आए हुए चार्जर के साथ ही चार्ज करें
- मोबाइल पर कोई बाहरी दबाव न डालें
मोबाइल की बैटरी फूल ही जाए तो बैटरी बदलवा लें, या मोबाइल दूसरा खरीद लें।
क्या आप अपने शरीर को अपने पहनावे से बचा सकते हैं?
मैं आपको एक सूत्र देता हूं। आपके शरीर को कोई भारी क्षति न पहुंचे, उसके लिए कृत्रिम रेशे से बने वस्त्र सबसे पहले त्याग दें।
क्या होगा यदि आप फूलती बैटरी के साथ कृत्रिम रेशे से बने हुए वस्त्र पहनेंगे?
विज्ञान कहता है कि जब कृत्रिम रेशे से बने वस्त्र जलाए जाते हैं, तब वे हूबहू प्लास्टिक की तरह जलते हैं। जलने पर उसमें से वैसी ही तीखी व जहरीली गंध उत्सर्जित होती है जैसे प्लास्टिक जलाने से। जलते समय कृत्रिम रेशे प्लास्टिक की तरह पिघलते हैं। यदि वह तरल पदार्थ आपकी त्वचा पर पड़ जाए, तो वह जगह काट फेंकने की नौबत आ जाती है।
जला हुआ प्लास्टिक हमारी त्वचा पर पढ़कर हमारी मौत का कारण बनता है। कृत्रिम रेशे पॉलिस्टर नाम के प्लास्टिक से बनते हैं, और प्लास्टिक मिट्टी के तेल से बनता है।
यदि आप पॉलिस्टर के पेंट या जींस में फूलती हुई बैटरी वाला मोबाइल रखते हैं तो यह आपके जीवन की आखिरी व सबसे खराब गलती हो सकती है। क्योंकि यदि उस मोबाइल पर जरा सा भी दबाव पड़ा तो वह तत्काल ही जलने लगेगी।
आज हम सभी के पास स्मार्टफोन हैं। वे सभी जिनके पास स्मार्टफोन है, अपनी जेब में बहुत खतरनाक हथियार लेकर घूम रहे हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। हाल में २९ मार्च २०२१ को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मोबाइल बैटरी फटने और उससे हुई एक युवक की मृत्यु के बारे में खबर आई।
ऐसे ही कई और जलने के कारण से मौत की घटनाएं सामने आती हैं। इन सभी से बचने के २ इलाज हैं
- कपास से युक्त कपड़े पहनो
- मिट्टी के तेल के पास आग लेकर मत जाओ
कपास से युक्त कपड़े पहनने से क्या जलने से बच सकते हैं?
हां बिल्कुल। क्योंकि यदि हमारे सामने विस्फोट होता है तो तत्काल आग कपास में लग जाती है, परंतु हमारे शरीर को नहीं लगने पाती।
चूंकि गर्म देशों में उन पहने नहीं रह सकते हैं इसलिए अपने शरीर को बचाव हेतु कपास के ही कपड़े पहने।
सूती कपड़े अद्भुत होते हैं जो हमें ऐसे और भी घोर कष्ट से मुक्त कर देते हैं।
मेरी भावना है कि आप सभी सुरक्षित रहें।
धन्यवाद।
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